अब तक की जिंदगी की बर्फ मे पहली यात्रा (कामरूनाग देव)

                     




                     जिंदगी का एक अलग रोमांच



इस बार हम सबने ( दोस्तों) ने बर्फ मे जाने का निर्णय किया . सभी सोच मे थे की कहाँ जाएँ तो सभी ने मिल कर निर्णय किया की कामरूनाग चलते हैं वहाँ से शाम को वापिस भी हो जाएँगे . बाकी कामरूनग देव के बारे मे  मैने अपनी पहली पोस्ट मे वर्णन किया है.  सभी सुबह करीब 6:30 पर बस स्टेंड के लिए रवाना हो गये . हमे 7 बजे बस मिल गई . उस पर हम रोहंडा नामक जगह पर उतर गये ओर वहाँ से हमने आगे की यात्रा करने से पहले कुछ भोजन कर लिया ओर अपने मिशन पर चल पड़े ओर साथ मे कुछ फल साथ ले चले रास्ते मे खाने को . शुरू मे तो बर्फ इतनी नही थी प्र जैसे जैसे हम आगे चलते गये तो बर्फ ओर ज़्यादा थी . हमे रास्ते मे एक पानी का टेंक मिला वहाँ ह्मने पानी पिया ओर कुछ देर आराम किया . ओर आगे रास्ते मे देवदार के जंगल शुरू हो गये वहाँ का दृश्य देखते ही बन रहा था . सभी पेड़ बर्फ की सफेद चादर से डके पड़े थे मैरी जिंदगी का ये एक सबसे हसीन पल था . तोड़ा ओर उपर जा कर नीचे देखते ही चारों तरफ सफेद चादर नज़र आ रही थी मानो भगवान  ने अपने आराम करने के लिए बेड शीट बिछाई हो . हम मस्ती करते करते करी 1 बजे कामरूनग मंदिर पहुँचे . वहाँ का दृश्य तो देखते ही बन रहा था . जिस तरफ भी देखो सफेद चादर नज़र आ रही थी . धूप के कारण वो इतना चमक रही थी की हमे आँखें खोलने मे भी मुश्किल हो रही थी . वहाँ हमने आग जलाई  ओर कुछ देर वहाँ बैठ कर तोड़ा शरीर को गरम किया बर्फ के कारण   हमरे जूते पूरे भीग गये थे पाँव तो एसे लग रहे थे मानो है ही नही . कुछ देर मस्ती करने के बाद हम वापिस हो गये . ये यात्रा मेरी जिंदगी की एक यादगार यात्रा थी.

Comments

Popular posts from this blog

हिमाचल में उड़ते मानव परिंदे

Kamroonag temple (bada dev)