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Showing posts from 2017

हिमाचल में उड़ते मानव परिंदे

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हिमाचल की खूबसूरत जगह में एक नाम आता है बीर बिलिंग का . बीर बिलिंग जो है पारा -ग्लाइडिंग  के लिए मशहूर है . बीर  गगल एयरपोर्ट से लगभग 65km दूर  है और शिमला से बीर लगभग 205km है . बीर मे शेरा-बिलिंग  मोनेस्ट्री भी है . बिलिंग बीर से 14km दूर है  .  BILLING मैने  और मेरे कुछ दोस्तों ने बीर बिलिंग घूमने  का प्लान बनाया और हम सब बाइक्स पर बीर बिलिंग चल  पड़े . हमने अपनी यात्रा मंडी (छोटी काशी) से शुरू की . हम सभी मंडी से करीब 2pm पर चल पड़े और हम करीब 7pm पर बीर पहुँच गए . उस दिन हम सभी ने बीर मे hppwd के   रेस्ट हाउस विश्राम किया . अगलेय . दिन हम करीब 9am पर बीलिंग क लिए चल पड़े .बिलिंग समुद्र तल से 2400 मीटर की ऊंचाई पर है . जहाँ से मानव परिंदे उड़ान  भरते हैं . उड़ान  भरते  समय  का नजारा देखने योग्य होता है. अक्टूबर 2015 में बिलिंग मे  पारा- ग्लाइडिंग वर्ल्ड कप  भी हुआ  था बिलिंग से पायलट उड़ान भरते हैं और बीड मे लैंड करते हैं . पारा- ग्लाइडिंग करने    के लगभग 2500-3000 Rs. लगते हैं और इ...

अब तक की जिंदगी की बर्फ मे पहली यात्रा (कामरूनाग देव)

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                                           जिंदगी का एक अलग रोमांच इस बार हम सबने ( दोस्तों) ने बर्फ मे जाने का निर्णय किया . सभी सोच मे थे की कहाँ जाएँ तो सभी ने मिल कर निर्णय किया की कामरूनाग चलते हैं वहाँ से शाम को वापिस भी हो जाएँगे . बाकी कामरूनग देव के बारे मे  मैने अपनी पहली पोस्ट मे वर्णन किया है.  सभी सुबह करीब 6:30 पर बस स्टेंड के लिए रवाना हो गये . हमे 7 बजे बस मिल गई . उस पर हम रोहंडा नामक जगह पर उतर गये ओर वहाँ से हमने आगे की यात्रा करने से पहले कुछ भोजन कर लिया ओर अपने मिशन पर चल पड़े ओर साथ मे कुछ फल साथ ले चले रास्ते मे खाने को . शुरू मे तो बर्फ इतनी नही थी प्र जैसे जैसे हम आगे चलते गये तो बर्फ ओर ज़्यादा थी . हमे रास्ते मे एक पानी का टेंक मिला वहाँ ह्मने पानी पिया ओर कुछ देर आराम किया . ओर आगे रास्ते मे देवदार के जंगल शुरू हो गये वहाँ का दृ...

Kamroonag temple (bada dev)

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                              Badey Deva Ri Sai r (मंडी जिला मे काफी बहुत लोकप्रिय मंदिर हैं।  और इसको   छोटी काशी भी कहते हैं।  यहाँ पर एक लोकप्रिय मंदिर है जिसका नाम है कमरूनाग। यहाँ के लिए हमने सुबह अपनी कार से यात्रा आरम्भ की और हम सबसे पहले रोहांडा जहाँ से  कमरूनाग मंदिर के लिए रास्ता शुरू होता है। यहाँ से कमरूनाग मंदिर की दुरी करीब ६ किलो मीटर होगी।  जो की हमने पैदल ही पूरी करनी पड़ी जो की एक अपनी आप में एक खुसी की बात थी।  कमरूनाग पहुंचने पर हमने वहां एक झील देखि जो की 200 मीटर के दायरे के अंदर फैली हुई है।  यहाँ साल के एक  दिन मैला लगता है काफी जगह से लोग उस दिन यहाँ अद्भुत नजारे को देखने आते हैं और अपने लिए मनन्त मांगते हैं।  काफी लोगों की मनन्त पूरी होने पर वो गोल्ड , सिल्वर , और पैसे इस झील मे चढ़ा देते हैं।  और अद्भुत करने वाली बात ये है की ये परम्परा महाभारत काल से चली आ रही है। और एक बात बोलते हैं की जो कमरूनाग देव हैं वो महाभारत मई उ...